अभिनेता अभिषेक बच्चन ने 'फ्लैशबैक फ्राइडे'के तहत इस बार अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर करीब 39 साल पुराना एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनके पिता अमिताभ बच्चन स्टेज शो के दौरान अपने दोनों बच्चों का परिचय कराते दिखे।इस वीडियो के साथ अभिषेक ने एक बड़ी सी पोस्ट भी लिखी, जिसमें उन्होंने इन स्टेज शोज के बारे विस्तार से बताया। उनके मुताबिक इन शोज में अभिनेताओं के जाने का चलन उनके पिता ने ही शुरू किया था।
अभिषेक ने जो वीडियो शेयर किया, उसमें अमिताभ बच्चन अपने बच्चों का परिचय लोगों से कराते हुए कहते हैं, 'मेरे दो बच्चे भी यहां आए हुए हैं, मैं आप सबको उनसे मिलवाना चाहता हूं। इनका नाम अभिषेक हैं, सबको हैलो कहो। ये मेरी बेटी हैं, इनका नाम श्वेता है।' पिता के कहने पर दोनों बच्चे लोगों से हैलो भी करते हैं।
अभिषेक ने अपनी पोस्ट में लिखा...
'#यादोंवालाशुक्रवार 1981 में मेरे पिता ने भारतीय फिल्म एक्टर्स द्वारा स्टेज शो करने और अपने गानों पर परफॉर्म करने का चलन शुरू किया था। इससे पहले तक केवल पार्श्व गायकों ने ही ऐसा किया था।'
'मेरे पास अलग-अलग शहरों की ऐसी बहुत सी यादें हैं, जिनमें वे, उनके सह-कलाकार और महान कल्याणजी-आनंदजी और उनका 40 सदस्यों वाला आर्केस्ट्रा जिसका संचालन एक युवा विजू शाह (कल्याण जी के बेटे और भविष्य के बड़े संगीतकार) कर रहे थे, शामिल रहे। रिहर्सल्स, साउंड चैक्स, शो के बाद मेरे माता-पिता के सुइट में आधी रात को होने वाला डिनर, जहां गुजराती खाने के टिफिन (जिन्हें बड़े प्यार से आयोजकों के रिश्तेदारों और दोस्तों द्वारा तैयार किया जाता था या क्रू सदस्यों द्वारा स्थानीय स्तर पर बनाया जाता था, चाहे वे किसी भी शहर में परफॉर्म कर रहे हों) सभी कलाकारों और संगीतकारों को परोसे जाते थे। वहां हर कोई शो के बारे में चर्चा करता रहता, फिर वहां एक युवा, अपेक्षाकृत अज्ञात (तब) और भविष्य का स्टैंडअप कॉमेडियन आता और घंटों तक लोगों को मंत्रमुग्ध करके बैठाए रखता, फिर उसकी मिमिक्री और कॉमेडी तब तक चलती रहती, जब तक कि अगले शहर की फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट निकलने का वक्त नहीं आ जाता था। उस कॉमेडियन का नाम जॉनी लीवर था।'
'उड़ान के दौरान हर कोई इकोनॉमी क्लास लेता था और फ्लाइट में सभी सीटों को आगे की तरफ झुका लेते थे, ताकि एक विशाल गद्दे जैसी व्यवस्था बन जाए। इसके बाद संगीतकार, गायक और पापा झूमते-गाते थे, ताकि कोई नया गाना बन जाए जिसे उसी रात को अगले शहर में परफॉर्म किया जा सके। ये रुटीन सीधे 3 दिनों तक चला। मुझे ठीक से याद नहीं लेकिन उन सप्ताहांतों में वे कुल मिलाकर 2 घंटे सोए होंगे। विशुद्ध रूप से उन्होंने एड्रेनालाइन पर काम किया और सप्ताह के दौरान आराम किया। इसके बाद यही रुटीन शुक्रवार से फिर शुरू हो गया।'
'वो भी क्या दौर था। एक बच्चा सपनों को संजोए, विस्मय और आश्चर्य के साथ शो को देख रहा था। उस समय इस बात का अहसास नहीं था कि मैं भाग्यशाली था जो इन लीजेंड्स को लाइव परफॉर्म करते देख रहा हूं। एकबार जब मैं बड़ा हो गया तो एकबार मैंने गुपचुप खुद के स्टेज पर होने की कल्पना की। जैसा कि आप इस वीडियो से देख सकते हैं, मेरी बहन ने मंच से उतरने के लिए इंतजार नहीं किया, और मैं जो करना चाहता था, सिर्फ उसी के आसपास चिपके रहना चाहता था।'
'इस वीडियो को मुझ तक पहुंचाने के लिए मोसेस सापिर आपका धन्यवाद। इसने कई अद्भुत यादों को वापस ला दिया।'
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May 08, 2020 at 02:40PM
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