
खेल डेस्क. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट का कहना है कि हरभजन सिंह ऐसे गेंदबाजों में से एक हैं, जिनका सामना करने में उन्हें हमेशा परेशानी हुई। यहां तक कि उन्होंने हरभजन को अपने करियर के लिए अभिशाप की तरह भी बताया। गिलक्रिस्ट ने ये बातें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को दिए एक इंटरव्यू में कहीं।
गिलक्रिस्ट ने भारत के खिलाफ साल 2001 में हुई सीरीज को भी याद किया, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम लगातार 15 टेस्ट जीतकर भारत पहुंची थी और सीरीज का पहला टेस्ट भी जीत गई थी। लेकिन अगले दो टेस्ट में उसे बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। जिसकी बड़ी वजह भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह थे, जिन्होंने तीन मैचों में 32 विकेट लिए थे, जिसमें भारत की पहली टेस्ट हैट्रिक भी शामिल थी।
हरभजन का शिकार बनते रहे गिलक्रिस्ट
18 साल पहले हुई इस ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज को खासतौर पर ईडन गार्डन्स में खेले गए टेस्ट मैच के लिए याद किया जाता है। सीरीज के दौरान मुंबई में हुए पहले टेस्ट मैच में गिलक्रिस्ट ने शतक लगाया था, लेकिन अगले दो मैचों में वे कुछ खास नहीं कर सके क्योंकि हर बार वे हरभजन सिंह का शिकार बनते रहे।
पहले मैच के बाद लगा सबकुछ आसान है
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया वेबसाइट ने गिलक्रिस्ट के हवाले से लिखा, '99 रन पर हमारे 5 विकेट गिर चुके थे, इसके बाद मैं खेलने उतरा और 80 गेंदों पर सौ रन बनाए, हम तीन दिनों में ही जीत गए। फिर मैंने सोचा, ये लोग पिछले 30 सालों से क्या कर रहे हैं। ये कितना आसान है? लेकिन मैं पूरी तरह गलत था। क्योंकि सच्चाई से मेरा सामना जल्द ही अगले टेस्ट मैच के दौरान हो गया।'
हरभजन को खेलने में परेशानी हुई
'श्रृंखला के अंत तक हमें समझ आ चुका था कि अटैक, अटैक, अटैक की रणनीति हमेशा काम नहीं करती। हरभजन हमें बुरी तरह नुकसान पहुंचा चुके थे। मेरे पूरे करियर के दौरान वे मेरे लिए अभिशाप की तरह रहे। मेरी नजर में हरभजन और मुरलीधरन दो ऐसे गेंदबाज हैं, जिनका सामना करने में शायद मुझे सबसे ज्यादा परेशानी हुई।'
भारत नेफॉलोऑन के बाद की थी वापसी
ईडन गार्डन टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत पर पूरी तरह हावी थी। वो सीरीज का पहला मैच जीत चुकी थी, साथ ही इस मैच में भी उसने भारत को फॉलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया था। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 445 रन के जवाब में सौरव गांगुली की कप्तानी वाली भारतीय टीम 171 रन पर सिमट गई थी।
दूसरी पारी में भारतीय सलामी जोड़ी के आउट होने के बाद वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने बल्लेबाजी करते हुए चमत्कार कर दिखाया। दोनों ने मिलकर 376 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की। जिसकी बदौलत भारत ने जबरदस्त वापसी की और ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासित जीत दर्ज कर ली। तब लक्ष्मण ने 281 रन बनाए थे, जो उस वक्त टेस्ट क्रिकेट में किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। हालांकि 2004 में सहवाग ने तिहरा शतक लगाते हुए उसे तोड़ दिया।
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https://ift.tt/33LczoK November 13, 2019 at 12:50PM
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