बोमन ईरानी ने कहा- देश के बच्चों को मिलनी चाहिए मूल शिक्षा, 'झलकी' में बने हैं कैलाश सत्यार्थी

बॉलीवुड डेस्क. एक्टर बोमन ईरानी के अनुसार देश के हर बच्चे को मूल शिक्षा तो मिलनी ही चाहिए।उन्होंने कहा कि जब कोई बच्चा गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाता तो वो अलग महसूस करता है, जो कि एक अपराधी की तरह है। खास बात है कि चाइल्ड लेबर की कहानी पर बनी फिल्म 'झलकी' इस शुक्रवार रिलीज हो रही है। फिल्म नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के जीवन पर आधारित है।

बाल श्रम पर केंद्रित बृह्मानंद सिंह निर्देशित 'झलकी' इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। फिल्म में बोमन श्याम सिंह का किरदार निभा रहे हैं, जो कि कैलाश सत्यार्थी के जीवन से मिलता जुलता है। फिल्म में उनके अलावा गोविंद नामदेव, दिव्या दत्ता, संजय सूरी और तनिष्ठा चटर्जी भी अहम भूमिका में हैं।

  1. स्कूल जाने की उपयोगिता बताते हुए बोमन ने कहा कि यह बिल्कुल अलग मुद्दा है कि बच्चे क्या पढ़ते हैं कितना पढ़ते हैं, मायने रखता है कि वे स्कूल जाते हैं। एक्टर ने आगे कहा कि यूनिफॉर्म पहनना, साथियों के साथ मिलकर काम करना और स्कूल जाना, जीवन का एक ढांचा तैयार करने में मदद करता है। उनके अनुसार मूल शिक्षा मिलना चाहिए, भले ही वे आगे क्या पढ़ना चाहते हैं यह खुद ही तय करें।

  2. अपने स्कूल अनुभव और शिक्षा के बारे में बात करते हुए एक्टर ने बताया कि मैं तो मूल शिक्षा में भी भरोसा नहीं करता क्योंकि मैंने खुद से ही एक्टिंग और फोटोग्राफी सीखी है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जब कोई बच्चा गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाता तो वो खुद को समाज से बाहर एक अपराधी की तरह महसूस करने लगता है। हालांकि बोमन ने बताया कि मूल शिक्षा का समर्थन इसलिए नहीं करते क्योंकि इससे उन्हें कोई फायदा नहीं मिला।



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      Boman Irani said on children's education, playing child activist in 'Jhalki'

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      November 14, 2019 at 04:17PM
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