लता जी को खाने में पसंद रही है कोल्हापुरी मिर्च, खाने पर नियंत्रण के चलते पहले कभी नहीं हुईं गंभीर बीमारी

बॉलीवुड डेस्क. पिछले दो दिन से भले ही लता मंगेशकर खराब स्वास्थ्य के कारण हॉस्पिटल में हैं। लेकिन इसके पहले उन्हें कभी भी कोई बड़ी बीमारी नहीं हुई। इसकी मुख्य वजह उनका खान-पान पर नियंत्रण रहा है। वे हमेशा से ही तीखा और मसालेदार खाना खाती रहीं हैं, लेकिन कुछ साल से उनका तीखा-मसालेदार खाना कम हो गया है।

    • यतीन्द्र मिश्र द्वारा लिखी गई लता मंगेशकर की बायोग्राफी 'लता सुर गाथा' के अनुसार उन्हें जलेबी कुछ ज्यादा ही पसंद है। खास तौर पर कड़क हो और बहुत सारे केसर के साथ परोसी हुई।
    • वे समोसे की शौकीन हैं, मगरभारत में प्रचलित आलू और मटर वाले समोसे नहीं, कीमा भरे समोसे, जो मोमोज जैसे होते हैं।
    • उन्हें नींबू और कैरी का अचार पसंद है। मिठाई में शाही टुकड़ा बेहद लाजवाब लगता है और अक्सर ज्वार की रोटी उनकी थाली में शामिल रहती है।
    • मैक्सिकन, चाइनीज और फ्रेंच व्यंजनों की शौकीन सुर-साम्राज्ञी को इटालियन खाना कम पसंद है और सबसे मजेदार बात यह कि वे सब्जियों की दुश्मन हैं। यह अलग बात है कि डॉक्टरों की सख्त हिदायत के चलते कि विटामिन से भरी इन सब्जियों को उन्हें खाते रहना है।अक्सर सब्जियां भी इसलिए खाती हैं कि वे जरूरी हैं।
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    • अनिल कुमार और मनीष कुमार की किताब 'भारत रत्नास' में लता जी की फूड हैबिट्स का जिक्र है। उन्होंने लिखा है- लता मंगेशकर की आवाज सिर्फ उनके गले के कारण नहीं बल्कि नियंत्रित खान-पान के कारण भी है। वे अपने खाने में कोल्हापुरी मिर्च को खासा महत्व देती रही हैं।
  1. एक जमाने में उन्हें इंदौर का गुलाब जामुन और दही बड़े भाते थे और गोवन फिश करी और समुद्री झींगे उनकी कमजोरी रहे हैं। उनका स्वरूप एक अच्छे मेजबान और रसोइए के रूप में देखा जा सकता है। वो सूजी का हलवा उम्दा बनाती हैं। उनके हाथ का चिकन पसंदा जिसने भी खाया है, वह जल्दी भूल नहीं पाता।

    दो साल पहले दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उम्र के कारण अब वे अपना पसंदीदा तीखा और मसालेदार खाना नहीं खा पाती हैं। इतना ही नहीं 2016 में आशा भोसले के बेटे आनंद के जन्मदिन पर उन्होंने सालों बाद पसंदा बनाया था। जिसका जिक्र उन्होंने सोशल मीडिया पर भी किया था।

  2. 2008 में दिए एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने बताया था कि वे सुबह जल्दी उठती हैं। अक्सर यह समय सुबह के 6 बजे के बाद का होता था। नाश्ते में चाय-कॉफी के साथ बिस्किट लेती हैं। उन्होंने स्पाइसी, ऑइली खानाऔर आचार पिछले 10 साल से बेहद कम कर दिया है।

    • कभी भी ठंडा पानी नहीं पीती हैं। साथ ही दही और खट्‌टा भी कभी नहीं खाती हैं। लता जी को सीफूड पसंद रहा है।
    • दोपहर के खाने में रोटी, सब्जी खातीं। जिसमें दाल जरूर होती है। लता जी को पानी पुरी पसंद है लेकिन वे चाट नहीं खाती हैं।
    • डिनर में केवल दाल-चावल ही खाती हैं। डिनर टाइम भीरात 9.30 बजे फिक्स है।
    • गाजर का हलवा उनका पसंदीदा डेजर्ट हैऔर उन्हें केसर बादाम वाला दूध भी पसंद है। सोने से पहले वे रोजाना एक गिलास दूध पीती हैं।
    • सीजनल फ्रूट्स में उन्हें आम पसंद हैं। साथ ही उन्हें हर तरह का कुजीन पसंद है, चाहे वह गुजराती हो या चाइनीज।
  3. कुछ साल पहले यह खबरें भी आईं थीं कि1962 में जब लता 32 साल की थीं तब उन्हें धीमा जहरदिया गया था। लता की बेहद करीबी पद्मा सचदेव ने इसका जिक्र अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में किया है। जिसके बाद राइटर मजरूह सुल्तानपुरी कई दिनों तक उनके घर आकर पहले खुद खाना चखते, फिर लता को खाने देते थे। हालांकि, उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया।



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      lata mangeshkar never gone critically ill because of her food habits and controlled lifestyle
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