
खेल डेस्क. बीसीबी (बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड) के अध्यक्ष नजमूल हसन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ लोग बांग्लादेश टीम के आगामी भारत दौरे में अड़ंगा डालने के लिए लगातार साजिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक देश के प्रमुख खिलाड़ियों द्वारा हाल ही में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर की गई हड़ताल भी इसी का हिस्सा थी। उन्होंने बताया कि कुछ सूचनाओं के आधार पर वे इस तरह की बात कह रहे हैं। तीन टी20 और दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए बांग्लादेश की टीम 30 अक्टूबर को भारत आएगी।
बांग्लादेश के एक प्रमुख अखबार 'प्रोथोम आलो' से बातचीत के दौरान हसन ने कहा, 'आप लोगों (मीडिया) ने भारत दौरे के बारे में सबकुछ नहीं पता है, बस इंतजार करें और देखें। अगर मैं कह रहा हूं कि मुझे इस बात की पक्की सूचना है कि भारत दौरे को रद्द करने के लिए ये एक साजिश थी, तो आपको इस बात का भरोसा करना होगा।'
तमीम का उदाहरण दिया
जब उनसे पूछा गया कि आपको साजिश का अहसास क्यों हो रहा है तो उन्होंने कहा, 'तमीम ने पहले मुझसे कहा था कि वो सिर्फ दूसरा टेस्ट मैच (कोलकाता- 22 से 26 नवंबर) नहीं खेल पाएगा, क्योंकि इसी दौरान उनका दूसरा बच्चा पैदा होगा। हालांकि खिलाड़ियों के साथ हुई बैठक के बाद तमीम मेरे कमरे में आया और बोला कि वो पूरे दौरे से हटना चाहता है। जब मैंने उससे इसकी वजह पूछी तो उसने सिर्फ इतना ही कहा कि वो नहीं जाना चाहता।'
कुछ और खिलाड़ी नाम वापस ले सकते हैं
बीसीबी अध्यक्ष ने इससे पहले कुछ और नाम वापस लिए जाने का शक जताया। उन्होंने कहा, 'इतना सब होने के बाद अब अगर मुझे पता चले कि आखिरी वक्त में, जब हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, तब किसी अन्य खिलाड़ी ने भी दौरे से अपना नाम वापस ले लिया है तो मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं होगा। मैंने फोन लगाकर शाकिब से भी बात की थी। इसके बाद भी अगर वो हट जाता है तो मैं नया कप्तान कहां से लाउंगा। शायद ऐसे में मुझे पूरी टीम का संयोजन बदलना होगा। मैं इन खिलाड़ियों के साथ कर भी क्या सकता हूं।'
हसन बोले- मांगें मानकर गलती कर दी
हसन को लगता है कि वरिष्ठ खिलाड़ियों ने जिस तरह हड़ताल करते हुए सौदेबाजी की, ऐसे में बोर्ड को उनकी मांगों को नहीं मानना था। उन्होंने कहा, 'मैं अब भी इस पर भरोसा नहीं कर सकता। मैं उनसे रोजाना बात करता हूं, लेकिन फिर भी हड़ताल पर जाने से पहले उन्होंने मुझे इस बारे में हल्का सा इशारा तक नहीं किया। मुझे लगता है कि उनकी मांगों को मानकर मैंने एक गलती कर दी। मुझे ऐसा कभी नहीं करना था।' साथ ही हसन ने ये भी कहा, 'मुझे खिलाड़ियों से साफ कह देना चाहिए था कि जब तक आप हड़ताल खत्म नहीं करेंगे, हम आपके साथ बातचीत की टेबल पर नहीं बैठेंगे। बोर्ड के विभिन्न सदस्यों से बात करते हुए मुझे लगा कि हमारा बिल्कुल ऐसा ही दृष्टिकोण होना चाहिए, लेकिन मीडिया भी हम पर दबाव बना रहा था।'
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https://ift.tt/2BQPZPc October 28, 2019 at 02:13PM
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