सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से कई फिल्ममेकर्स पर नेपोटिज्म और खेमेबाजी के आरोप लग रहे हैं। उन एक्टर्स के लिए भी आवाज उठने लगी है, जिनका निधन सुशांत से सालों पहले हो गया। मंगलवार को दिवंगत इंदर कुमार की पत्नी पल्लवी ने करन जौहर और शाहरुख खान पर उनके पति को काम न देने के आरोप लगाए थे। वहीं, बुधवार को ऑथर शेफाली वैद्य ने दिवंगत निर्मल पांडे के लिए आवाज उठाई।
शेफाली ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि आउटसाइडर होने की वजह से निर्मल पांडे को सुधीर मिश्रा जैसे लोगों की अनदेखी का शिकार होना पड़ा था। उन्होंने लिखा- निर्मल पांडे को याद कीजिए। नैनीताल वे टैलेंटेड एक्टर, जिन्होंने 'बैंडिट क्वीन' और 'इस रात की सुबह नहीं' में काम किया था। उन्हें भी आउटसाइडर होने की वजह से सुधीर मिश्रा जैसे लोगों ने नजरअंदाज किया था। काम न होने के चलते वे टूट गए थे। 48 साल की उम्र में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था।
शेफाली के ट्वीट पर सुधीर की प्रतिक्रिया भी आई। उन्होंने आरोप को नकारा। साथ ही उन्हें याद दिलाया कि 'इस रात की सुबह नहीं' उन्होंने निर्देशित की थी। वे जवाब में लिखते हैं- 'इस रात की सुबह नहीं' का निर्देशन किसने किया था? किसने? किसने?
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इस पर शेफाली ने जवाबी हमला किया और लिखा- और फिर? आप कभी निर्मल पांडे से नहीं मिले और न ही उन्हें कॉल किया, जो इस एक फिल्म के बाद कई साल तक संघर्ष करते रहे। मैं हैरान हूं कि तब आपको 'रियलिटी चेक' की आवश्यकता क्यों महसूस हुई?
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शेफाली ने इसके साथ सुधीर के एक इंटरव्यू की क्लिप भी साझा की है, जिसमें उन्होंने निर्मल की मौत के बारे में बात की थी।
सुधीर की सफाई- कास्टिंग जैसा भी कुछ होता है
जवाब में सुधीर ने सफाई दी। उन्होंने लिखा- कास्टिंग जैसा भी कुछ होता है। यह सही रोल के लिए सही एक्टर मिलने के बारे में है। मेरी अगली स्वतंत्र फिल्म 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' थी और उस फिल्म में कौन था? कौन?कौन? कौन?सुधीर की 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' में चित्रांगदा सिंह, शाइनी आहूजा और के. के. मेनन की अहम भूमिका थी।
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सुधीर ने एक अन्य ट्वीट में भड़कते हुए लिखा- सिर्फ इसलिए कि मैं शेखी नहीं बघारता तो इसका मतलब यह नहीं कि मेरे पास कुछ नहीं है। प्लीज पता कर लीजिए कि मैंने कितने नए लोगों को ब्रेक दिया है। फिल्मों में, टीवी पर। सिर्फ एक्टर ही नहीं। आगे बढ़िए।
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साथी फिल्ममेकर्स का समर्थन मिला
पूरे विवाद में सुधीर को अनुराग कश्यप और हंसल मेहता जैसे फिल्ममेकर्स का समर्थन मिला। अनुराग ने लिखा- शेफाली वैद्य जैसे लोगों को नजरअंदाज करो। यह सब वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है। हर रोज वे किसी न किसी पर निधाना साधेंगे, ताकि असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके। इग्नोर कीजिए।
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वहीं हंसल मेहता लिखते हैं- सुधीर नफरत भरे ट्रोल्स में मत उलझो। तुम अपने बारे में ऐसे इंसान को नहीं समझा सकते जो कुछ सुनना ही नहीं चाहता।
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कौन थे निर्मल पांडे
नैनीताल के रहने वाले निर्मल पांडे ने 90 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी। 'बैंडिट क्वीन' और 'इस रात की सुबह नहीं' के अलावा उन्हें सलमान खान स्टारर 'प्यार किया तो डरना क्या', गोविंदा स्टारर 'हद कर दी आपने' और 'शिकारी' जैसी फिल्मों में देखा गया था। 18 फरवरी 2010 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था।
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June 24, 2020 at 07:15PM
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