नेशनल फुटबॉल लीग के कमिश्नर बोले- खिलाड़ियों को विरोध की इजाजत मिले, ट्रम्प ने कहा था- राष्ट्रगान के समय कोई घुटने के बल नहीं बैठे 

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद खेल जगत एकजुट होता दिख रहा है। अमेरिका में कई फुटबॉल खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान के दौरान घुटने पर बैठकर विरोध जताया। इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्पने इसे गलत बताते हुए कहा कि यह राष्ट्रध्वज का अपमान है। इस पर अब अमेरिकी नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल) के कमिश्नर ने रोजर गुडेल ने कहा कि खिलाड़ियों को विरोध की इजाजत मिलनी चाहिए।

गुडेल ने कहा कि शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों की बात नहीं सुनकर हम ठीक नहीं कर रहे हैं। उनके इस बयान के बाद कई खिलाड़ियों ने एनएफएल से नस्लवाद और अमेरिकी पुलिस की क्रूरता पर सख्त रुख अपनाने की अपील की।

‘अश्वेत का जीवन भी मायने रखता है’
एक वीडियो में गुडेल ने कहा, ‘‘नेशनल फुटबॉल लीग का मानना है कि अश्वेत का जीवन भी मायने रखता है। देशभर में विरोध सदियों की खामोशी, असमानता और अश्वेत खिलाड़ियों, कोच, प्रशंसकों और कर्मचारियों के उत्पीड़न के प्रतीक हैं। मैं उन खिलाड़ियों तक जाऊंगा, जिन्होंने अपनी आवाज उठाई है और हम अन्य कई सुधार कर सकते हैं।’’

एनएफएल ने पहले खिलाड़ियों को घुटने टेक कर प्रदर्शन पर बैन लगा दिया था। प्रदर्शन का यह तरीका सबसे पहले 2016 में कॉलिन कैपरनिक ने शुरू किया था।

राष्ट्रगान के दौरान घुटने पर बैठना ठीक नहीं
ट्रम्प ने राष्ट्रगान के दौरान घुटने टेकने का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमें सीधे और लंबे समय तक खड़े रहना चाहिए। सलामी के साथ या दिल पर हाथ रखकर। आप विरोध कर सकते हैं, लेकिन हमारे महान अमेरिकी ध्वज का नहीं।

जॉर्ज के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस बर्बरता से हुई मौत के 10 दिन बाद देश में प्रदर्शन और शांतिमार्च किए गए। गुरुवार को जॉर्ज के अंतिम संस्कार में कई नामचीन हस्तियों के साथ हजारों लोग शामिल हुए। इस बीच, पूरे देश में सड़कों पर प्रदर्शन किया गया। हिंसा प्रभावित कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस और सेन फ्रांसिस्को के कई हिस्सों से कर्फ्यू हटाया गया।

26 मई को फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी
26 मई को धोखाधड़ी के एक मामले में फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर ही गिरा दिया था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 8 मिनट तक दबाए रखा। इस कारण उसकी मौत हो गई थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।



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अमेरिका के अलावा इंग्लैंड में भी लिवरपूल फुटबॉल क्लब के खिलाड़ियों ने घुटने के बल बैठकर नस्लवाद के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध जताया था।


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