स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) ने लॉकडाउन के बाद खेलों की सुरक्षित वापसी को लेकर 33 पन्नों का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर यानी एसओपी तैयार किया है। इसमें ट्रेनिंग शुरू करने से पहले खिलाड़ियों को कोरोना टेस्ट कराने के साथ ही आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा।
साई ने फीडबैक के लिए सभी खेल फेडरेशनों, खेल और स्वास्थ्य मंत्रालय को यह ड्राफ्ट भेज दिया है। हालांकि, अभी इसे मंजूरी नहीं मिली है। इसके मिलने के बाद ही इस महीने के आखिर में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू होने का रास्ता साफ होगा।साई से जुड़े सूत्र ने न्यूज एजेंसी को बताया कि एसओपी तैयार करने के लिए सचिव रोहित भारद्वाज की अगुआई में 6 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। इसने शुरुआती ड्राफ्ट खेल और स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिया है।
खिलाड़ियों की सेहत पर निगरानी रखने का सुझाव
इसमें ट्रेनिंग सेंटर्स में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का कड़ाई से पालन, यहां तैनात स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा पीपीई किट का इस्तेमाल, सैनिटाइजेन पर जोर और खिलाड़ियों की सेहत पर कड़ी निगरानी रखने जैसे सुझाव दिए गए हैं। हालांकि, गृह मंत्रालय के ग्रीन सिग्नल के बाद ही खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू होगी।
गृह मंत्रालय के ग्रीन सिग्नल के बाद ट्रेनिंग शुरू होेगी
साई के सूत्र ने आगे बताया कि 18 मई के बाद लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो रहा है। गृह मंत्रालय इसके लिए नई गाइडलाइन जारी करेगा अगर इसमें खेल गतिविधियों के शुरू होने पर रोक लगा दी जाती है तो फिर खेल मंत्रालय चाहकर भी ट्रेनिंग शुरू करने की मंजूरी नहीं दे सकेगा।
खिलाड़ियों के लिए तैयार हुए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर की अहम बातें
- खिलाड़ी छोटे ग्रुप्स में ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे
- कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने तक खिलाड़ी क्वारैंटाइन में रहेंगे
- खिलाड़ियों को दोबारा ट्रेनिंग शुरू करने का फाइनल क्लीयरेंस साई सेंटर्स पर तैनात डॉक्टर ही देंगे
- ग्ल्वस और मास्क पहनने के बाद ही फिटनेस इक्विपमेंट के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए
- एक बार में पांच खिलाड़ियों को ही फिटनेस रूम के इस्तेमाल की मंजूरी हो
- सभी खिलाड़ी, कोच और सपोर्ट स्टाफ सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन करें
- खिलाड़ियों को खुले कमरों और हवादार कमरों में ही रखा जाए
- नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन हाईजीन ऑफिसर की नियुक्ति करें
ज्यादा जरूरी होने पर ही खिलाड़ी मसाज कराएं
इसके अलावा एसओपी तैयार करने वाली कमेटी ने खिलाड़ियों को बहुत जरूरी होने पर ही फिजियोथैरेपी और मसाज के कराने का सुझाव दिया है। इस दौरान हाईजीन का खास ध्यान रखने को कहा गया है।
साई के एसओपी को अगर मंजूरी मिलती है तो प्राइवेट स्पोर्ट्स फैसिलिटी में भी इसका पालन कराना होगा। इसमें पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन एकेडमी के अलावा पादुकोण-द्रविड़ सेंटर ऑफ स्पोर्ट्स एक्सीलेंस जैसे सेंटर्स भी शामिल हैं।
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https://ift.tt/3dKN6jJ May 15, 2020 at 02:11PM
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