सिंगर गिप्पी ग्रेवाल की मानें तो उनके बच्चे कनाडा के स्कूल में पढ़ते हैं। इसके चलते उनकी ऑनलाइन क्लासेस रात में शुरू होती हैं और सुबह तक चलती हैं। वे एक बातचीत में लॉकडाउन के अनुभव साझा कर रहे थे। बकौल ग्रेवाल, "बच्चों का स्कूल भारतीय समयानुसार रात में 9 बजे शुरू होता है और सुबह के 3 बजे तक चलता है। इसलिए हम सुबह 5 बजे सोते हैं और दोपहर में 12 बजे जागते हैं। हमारे लिए यह हॉलिडे जैसा अहसास है।"
परिवार कनाडा वापसी की तैयारी में था
ग्रेवाल ने कहा, "मैं और मेरा परिवार लॉकडाउन घोषित होने से पहले भारत आए थे और कुछ दिनों बाद उनका कनाडा लौटने का प्लान था। तब कोरोनावायरस के बारे में चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन लॉकडाउन नहीं लगा था। मैंने उनसे कुछ दिन और रुकने के लिए कहा और फिर लॉकडाउन हो गया। अगर वे चले गए होते तो मैं अकेला ही चंडीगढ़ में फंस गया होता।"
लॉकडाउन की तुलना मोबाइल फंक्शन से की
सिंगर ने बातचीत में यह स्वीकार किया कि लॉकडाउन के इस दौर ने उन्हें परिवार के साथ दोबारा जुड़ने का मौका दिया है। इसके साथ ही भागदौड़ भरी जिंदगी में उन्हें थोड़ी राहत भी मिली है। उन्होंने इस स्थिति को मोबाइल फोन फंक्शन से कम्पेयर किया है। वे कहते हैं, "जैसे कि फोन हैंग हो जाता है तो आपको उसे बंद कर फिर से री-सेट करने की जरूरत पड़ती है। इस लॉकडाउन ने हमारे लिए भी ऐसा ही किया है।"
परिवार को पर्याप्त समय देने का मौका मिला
बकौल ग्रेवाल, "मेरे परिवार को हमेशा शिकायत थी कि मैं उन्हें पर्याप्त समय नहीं देता। अब मैं घर पर हूं। मुझे अपने 13 साल के बेटे के साथ इवनिंग वॉक करने का मौका भी मिल रहा है। उसकी बातचीत के तरीके से मुझे अब जाकर अहसास हुआ कि वह बड़ा हो गया है। जब आप व्यस्त होते हैं तो अपने परिवार को फॉर ग्रांटेड लेते हैं। लेकिन यह लॉकडाउन हमें सबक सिखाता है।"
घर में रह कर शूट किया नया ट्रैक
ग्रेवाल की मानें तो उन्होंने अपना अगला ट्रैक घर में ही फोन पर शूट किया है। वे कहते हैं, "दरअसल, हमने दो-तीन सॉन्ग्स हाल ही में रिलीज किए हैं। मेरे पास कोई रिकॉर्डिंग इंस्ट्रूमेंट नहीं है। इसलिए मैंने घर पर एक माइक और एक हेडफोन का इस्तेमाल किया और सबकुछ फोन पर शूट किया।"
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
https://ift.tt/35F8OTn
May 07, 2020 at 05:58PM
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2L7g01b